समय है अनमोल हिन्दी कविता hindi poem samay

        "समय हैं अनमोल" 

समय ही संकीर्ण ,समय ही विस्तार हैं 

समय पर सदा ,समय के विचार हैं

समय के दोषी को, समय पर हराना हैं

समय हैं अनमोल ,यह समय पर जताना हैं ।

समय ही हैं, जिसने महाभारत युद्ध रचाएं 

समय ही हैं, जिसने भरत- राम मिलाएं 

समय ने बिगाड़ा, तो समय ही सुधारेगा 

धीरज तो धरो, फिर जमाना निहारेगा 

समय पर गिरे हुए को, समय पर उठाना हैं 

समय हैं अनमोल, यह समय पर जताना हैं ।

समय से ही सीखी, हमने सारी विधाएं 

समय से ही तो हैं, सारी चाँद कलाएँ 

समय ही अच्छा और समय ही बुरा हैं 

समय से पिछड़े, तो जीवन ही अधूरा हैं

प्रतिदिन की चाल को, समय से मिलाना हैं

समय हैं अनमोल ,यह समय पर जताना हैं ।।

✍️ योगेंद्र सिंह राजावत









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