मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र को वर्णित करती स्वरचित हिंदी कविता hindi poem Lord shree Ram jai shree Ram



                       "श्री राम"


पितृवचन आज्ञाकारी, दशरथनंदन है श्री राम

बेर शबरी के जूठे खाए ,भगतवत्सल प्रभु श्रीराम ।

वध बाली का किया बाण से ,

सखा सुग्रीव के बचाएं प्राण ।

सेवक हनुमत की सेवा से 

जगत शिरोमणि मर्यादित राम ।

भार्या का पता लगाने ,

सौ योजन सागर पार,

लेकर वानर सेना अपनी,

लंका चले सीतापति राम ।

सेवा, त्याग, और धैर्य नित आचरण में ,

अनवरत पुरुषार्थ करते श्री राम।

धर्मसंस्थापना पावन पथ पर ,

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ।

लालच, लोभ ,मद और माया 

अहंकार क्रोध सब त्यागी राम ।

भोग विलासी जीवन के बिना 

सात्विक जीवन आदर्शवादी राम ।

पितृवचन आज्ञाकारी, दशरथनंदन है श्री राम ।।


✍️योगेंद्र सिंह राजावत🚩




 

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