जिंदगी दौड़ हैं
कैप्टन मिल्खा के जीवन
की जंग जैसे ।
यदि जीतना है तो
एक सेकेंड के लिए भी
अपने प्रतिस्पर्धी को ना देखें ।
मैदान में हो या जीवन में
अपने आसपास उठते शोर पर
ज्यादा ध्यान ना दें ।
यदि अपना वजूद बनाए रखना है
तो हर वक्त जीतने की उम्मीद
बनाए रखनी होगी ।
तनिक पार कर लीजिए
इस जिंदगी की दौड़ को एक बार
फिर चारों ओर शोर ही शोर होगा
भाग मिल्खा भाग ।।
✍️ योगेंद्र सिंह राजावत
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