नन्हे मुन्ने बालको के हृदय की करुण पुकार "कलयुग री काकी"



घटना स्थल-सांयो का खेड़ा(खमनोर)


प्यारी काकी समझ हमने, तुझ डायन पर विश्वास किया 

छलनी कर हमारे हृदय को, तूने ऐसा आघात दिया ।

गहरा कितना था कुआं,तुझको यह भान नहीं आया ?

ममता भरे आँचल का, क्या तुझको ध्यान नहीं आया ?

प्राण निकलने से पहले , पापा को खूब याद किया

बचपन की सुनी कहानी और लोरी को खूब याद किया ।

हमने अपना आंगन खोया ,ममता से भरा आँचल खोया 

अब ना हो ऐसी कोई घटना, पूरे इस संसार में 

पुण्यआत्मा की गूंज रही, आवाज हर एक कान में ।

परिवार के इस रिश्ते को,तूने शर्मसार किया है 

कोढ़ फूटेगा तन से तेरे ,ऐसा निर्दय काम किया है ।

इस दुनिया से जाने वाले, हम न लौटकर आएंगे 

यहां नहीं तो परलोक से भी, तुझको सजा दिलाएंगे ।

शंभू ,सुरेश करें विनती, जनता और सरकारों से 

कब मिलेगी मुक्ति हमें, ऐसे निर्दय अत्याचारों से ।।


 स्व.बालक(शम्भू, सुरेश ) की आत्मा से करुण पुकार

✍️योगेंद्र सिंह राजावत 'गजधर'

अश्रुपूरित श्रदांजलि अर्पित 🙏








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